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बैंककर्मियों की हड़ताल: भोपाल में 5 लाख करोड़ रुपए का बैंकिंग व्यवसाय प्रभावित, कुछ बैंकों की शाखाएं

भोपाल। जन एवं श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ देशभर के दस केंद्रीय श्रमिक संगठनों और सौ से अधिक स्वतंत्र ट्रेड यूनियंस के आह्वान पर मध्यप्रदेश सहित देशभर के 20 करोड़ से ज्यादा कामगार, कर्मचारी, अधिकारी और बैंककर्मी हड़ताल पर रहे। लेकिन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस शामिल 9 यूनियंस में से 6 यूनियंस (एआईबीईए, एआईबीईओए, बीईएफआई,एनसीबीई, एनओबीडब्ल्यू, एनओबीओ, एआईबीओसी ) ने केंद्रीय श्रमिक संगठनों और स्वतंत्र ट्रेड यूनियंस की इस हड़ताल से दूरी बनाई है। अत: भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, सिंडीकेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा की बैंक शाखाएं खुली रही।

400 बैंक शाखाओं में आज बैंकिंग कामकाज प्रभावित

इधर दस सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल में उतरे ट्रेड यूनियनों का संयुक्त मोर्चा मध्यप्रदेश के कोऑर्डिनेटर वीके शर्मा, पूषन भट्टाचार्य के अनुसार मध्यप्रदेश के 5 हजार और भोपाल जिले की 400 बैंक शाखाओं में आज बैंकिंग कामकाज प्रभावित रहा। हड़ताल के पहले दिन बैंकों के ताले खुलें, लेकिन कर्मचारियों ने बैंकिंग कामकाज नहीं किया। दो दिनी हड़ताल के चलते मध्यप्रदेश के 25 हजार बैंककर्मी हड़ताल पर रहे। इस हड़ताल से भोपाल में 5 लाख करोड़ रुपए का बैंकिंग व्यवसाय प्रभावित हुआ। राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताली संगठन मध्य प्रदेश के प्रवक्ता वीके शर्मा ने बताया कि बैंक , बीमा, केंद्र, बीएसएनएल, पोस्टल, आयकर, आंगनबाड़ी, एआईयूटीयूसी समेत दस केंद्रीय श्रमिक संगठनों एवं अन्य संस्थानों में कार्यरत ट्रेड यूनियंस के सदस्य हड़ताल पर है।

ट्रेड यूनियनों का नीलम पार्क में धरना, प्रदर्शन एवं सभा

हड़ताली बैंककर्मी और सभी ट्रेड यूनियंस के सदस्यों ने जहांगीराबाद,छोटे तालाब के किनारे स्थित नीलम शाहजहांनी पार्क में एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन, नारेबाजी की, तत्पश्चात धरना दिया और सभा आयोजित की। सभा में यूनियन के वीके शर्मा, संजीव सबलोक, अरुण भगोलीवाल, संजय कुदेशिया, जेपी झंवर, मदन जैन सहित अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया। वक्ताओं ने बताया कि भारतीय बैंक संघ के पास काफी समय से बैंक कर्मियों की मांगे लंबित हैं लेकिन यह दुर्भाग्य का विषय है कि जानबूझकर मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।

बैंक हड़ताल का पहले दिन ही कोई असर नहीं दिखा: अश्वनी राणा

वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अश्वनी राणा ने कहा कि दो दिन की बैंक हड़ताल का पहले दिन ही कोई असर नहीं दिखा। क्योंकि बैंक कर्मचारियों के यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस की 9 यूनियंस में से केवल लेफ्ट समर्थित 3 बैंक यूनियंस, ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन, बैंक एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया और ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन ने वाम समर्थित केंद्रीय श्रम संगठनों के समर्थन है। बाकि 6 यूनियंस ने इस राजनैतिक हड़ताल से अलग रखा है। राणा के अनुसार यह एक राजनैतिक हड़ताल है और इसका बैंक कर्मचारियों के मुद्दों से कोई वास्ता नहीं है। बैंक कर्मचारी कब तक वामपंथियों की राजनैतिक हड़ताल का हिस्सा बनते रहेंगे। यदि ये यूनियंस बैंक कर्मचारियों के लिए इतनी ही गंभीर हैं तो यूएफबीयू के साथ हड़ताल पर क्यों नहीं जाते हैं। आज के समय में जब बैंकिंग पूरी तरह से टेक्नोलॉजी आधारित है, ऐसे में 1 या 2 दिन की बैंक हड़ताल की प्रसांगकिता नहीं है और इसका सरकार पर कोई दबाव नहीं पड़ता।

 

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