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ADIPURUSH पर भड़के SUNIL LAHRI,बोले- राम, सीता, लक्ष्मण...का बनाया मजाक

Sunil Lahri On Adipurush :हाल ही में रिलीज हुई प्रभास की मल्टी स्टारर फिल्म आदिपुरुष को सोशल मीडिया पर जबरदस्त ट्रोल किया जा रहा है। यहां तक की इस फिल्म का मामला हाई कोर्ट तक पहुंच चुका है। वहीं इस फिल्म पर रामानंद सागर द्वारा निर्मित रामायण में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने भी फिल्म को लेकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उनका कहना है कि आदिपुरुष' ने लोगों की भावनाओं को काफी आहत किया है, मैंने फिल्म देखी, फिल्म देखने के बाद मैं काफी निराश हुआ हूं।

राम, सीता, लक्ष्मण और रावण कार्टून की तरह पेश- Sunil Lahri
सुनील ने एक इंटरव्यू  में कहा कि कहा कि मुझे समझ नहीं आया कि फिल्म क्यों बनाई, क्या सोचकर बनाई और किन दर्शकों को ध्यान में रखकर ये फिल्म बनाई है? इस फिल्म के जरिए अपने ही लोगों ने अपनी ही संस्कृति की बेइज्जती की है। सुनील लहिरी ने कहा कि फिल्म का प्रेजेंटेशन अच्छा है, वीएफएक्स अच्छा है, संगीत अच्छा है, लेकिन फिल्म के किरदारों को जस्टिफाइड नहीं किया गया है और फिल्म देखकर लगता है कि राम, सीता, लक्ष्मण और रावण को कार्टून किरदारों की तरह पेश किया गया है।'


फिल्म के सीन्स मजाकिया 
सुनील लहिरी ने कहा कि इस बात का कहां पर जिक्र है कि रावण चमगादड़ के ऊपर बैठकर आता है या फिर मेघनाद को पानी के भीतर मारा जाता है? रावण को मारने के लिए इंद्र का रथ आया था, लेकिन 'आदिपुरुष' में राम हनुमान की पीठ पर बैठकर रावण का वध कर रहे हैं, जो कि मजाकिया है। इसके इलावा उन्होंने कहा कि फिल्म के सिचुएशन्स, लोकेशन्स या फिर सीन्स के जज्बाती तौर पर आपके दिल को नहीं छूते हैं। सुनील ने कहा कि नये अंदाज में कहानी को पेश करना अच्छी बात है, लेकिन इस ढंग से छेड़छाड़  कर उसे पेश करना गलत है क्योंकि हमारे बुनियाद के साथ छेड़छाड़ की गयी है। सुनील ने कहा कि फिल्म के एक सीन में रावण बने सैफ अली खान वेल्डिंग करते हुए नजर आ रहे हैं और उनकी सोने की लंका को काला दिखाया गया है, जो कि बहुत ही शर्मनाक है।

नहीं सोचा था कि मनोज मुंतशिर य लिखेंगे- Sunil Lahri 
वहीं सुनील ने अब संवादों को बदले जाने के फैसले पर कहा कि इस फैसले को सपोर्ट करता हूं लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि कपड़ा एक बार फट जाए और फिर उसपर कितने ही पैबंद क्यों ना लगा दिये जाएं, कपड़ा ओरिजनल नहीं हो सकता है। सुनील ने कहा कि ये अच्छी बात है कि मेकर्स को अब गलती का एहसास हुआ है और वो गलती सुधारने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मुझे समझ में नहीं आया कि उन्होंने पहले ही इस बारे में क्यों नहीं सोचा? मैंने कभी नहीं सोचा था कि मनोज मुंतशिर कभी इस तरह के डायलॉग लिखेंगे।


मनोज की सफाई पर भी सुनील ने उठाए सवाल
सुनील का कहना है कि अगर मेकर्स का यह कहना है कि आदिपुरुष आज की पीढ़ी और आज के बच्चों के लिए बनाई गई है तो इसका मतलब ये है कि रामानंद सागर ने जो रामायण बनाई थी, तो वो बच्चों और उस  जेनरेशन के लोगों को समझ नहीं आई थी? अगर ऐसा होता तो कोविड के दौरान रामायण व्यूवरशिप का रिकॉर्ड नहीं बनाती। सुनील ने कहा कि युवाओं और बच्चों सभी ने रामायण को दोबारा से देखा और खूब पसंद किया। सुनील ने कहा कि आगे से कोई भी मेकर्स भारतीय संस्कृति को इस तरह से आघात पहुंचाने की कोशिश ना करें।  

 

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