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CHRISTMAS 2021:25 दिसंबर को मनाया जाता है क्रिसमस का त्यौहार, जानिए क्या है सीक्रेट सांता की कहानी

ईसाइयों का प्रमुख त्योहार क्रिसमस 25 दिसंबर को बड़े ही उत्साह के साथ पूरी दुनिया में मनाया जाता है। क्रिसमस के पहले दिन अर्थात 24 दिसंबर से ही क्रिसमस के कार्यक्रम आदि प्रारंभ हो जाते हैं। कई देशो में क्रिसमस के दिन खूब रंगारंग कार्यक्रम और समारोह आयोजित होते हैं। 

देश के शहरों में तथा सभी चर्चों में भी इस दिन लोग प्रभु यीशु का ध्यान और प्रार्थना करते हैं। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर लोग प्रभु यीशु को याद करके कैरोल गाते हैं और क्रिसमस के दिन लोग प्रेम और भाईचारे का संदेश देने के उद्देश्य से एक-दूसरे के घर जाते हैं। और एक-दूसरे को बधाई देते हैं। तो आइए जानते हैं क्रिसमस से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में। 

क्रिसमस अब सिर्फ ईसाईयों का ही धार्मिक पर्व नहीं रह गया है बल्कि अब यह त्योहार एक सामाजिक पर्व के रूप में उभर कर सामने आ गया है। अब तो सभी धर्मों के मानने वाले लोग क्रिसमस के पर्व को बढ़−चढ़कर मनाने लगे हैं। क्रिसमस प्रसन्नता का पर्व है। 

क्रिसमस र्व से जुड़ी ये बड़ी बातें 
क्रिसमस के दिन दुनिया भर के चर्चों में प्रार्थना की जाती है। और प्रभु यीशु की जन्मगाथा की अनेक झांकियां प्रस्तुत की जाती हैं। पहले तो क्रिसमस के पर्व को केवल ईसाई समुदाय के लोग ही मनाते थे लेकिन आजकल अनेक गैर ईसाई लोग भी इस पर्व को एक उत्सव के रूप में मनाने लगे हैं। इस त्योहार के दिन लोग घरों में क्रिसमस ट्री लगाते हैं। 

क्रिसमस ट्री को सुन्दर-सुन्दर गिफ्ट और उपहारों से सजाया जाता है। इसी दिन से 12 दिन के उत्सव क्रिसमसटाइड की भी शुरुआत होती है। क्रिसमस पर बच्चों के बीच सांता क्लाज की बहुत धूम रहती है। सांता क्लाज बच्चों के लिए उपहार लेकर आते हैं। बच्चे भी इस दिन सुंदर और रंगीन कपड़े पहनते हैं। इस दिन बच्चे हाथ में छड़ियां लेकर नृत्य भी करते हैं।

सीक्रेट सांता की कहानी
आपको बता दें प्रचलित कहानियों के अनुसार चौथी शताब्दी में एशिया माइनर की एक जगह मायरा (अब तुर्की) में सेंट निकोलस नाम का एक शख्स रहता था। जो बहुत अमीर था, लेकिन उनके माता-पिता का देहांत हो चुका था। वो हमेशा गरीबों की चुपके से मदद करता था। उन्हें सीक्रेट गिफ्ट देकर खुश करने की कोशिश करता रहता था।

एक दिन निकोलस को पता चला कि एक गरीब आदमी की तीन बेटियां है, जिनकी शादियों के लिए उसके पास बिल्कुल भी पैसा नहीं है। ये बात जान निकोलस इस शख्स की मदद करने पहुंचे। एक रात वो इस आदमी की घर की छत में लगी चिमनी के पास पहुंचे और वहां से सोने से भरा बैग डाल दिया। उस दौरान इस गरीब शख्स ने अपना मोजा सुखाने के लिए चिमनी में लगा रखा था। इस मोजे में अचानक सोने से भरा बैग उसके घर में गिरा। ऐसा एक बार नहीं बल्कि तीन बार हुआ। आखिरी बार में इस आदमी ने निकोलस ने देख लिया। निकोलस ने ये बात किसी को ना बताने के लिए कहा, लेकिन जल्द ही इस बात का शोर बाहर हुआ। उस दिन से जब भी किसी को कोई सीक्रेट गिफ्ट मिलता सभी को लगता कि ये निकोलस ने दिया। पूरी दुनिया में क्रिसमस के दिन मोजे में गिफ्ट देने यानी सीक्रेट सांता बनने का रिवाज है।

 

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